देश के सभी मंदिरों में तिरुपति बालाजी सबसे धनवान क्यों? संपत्ति के मामले में ये बड़ी कंपनियां भी हैं पीछे!!!!
By VISHNU SHARMA
Experienced JOURNALIST..
आंध्र प्रदेश के तिरुपति में तिरुमला की पहाड़ी पर स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर देश के सभी अमीर मंदिरों में टॉप पर है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मंदिर की कुल संपत्ति वर्ष 2022 में ढाई लाख करोड़ से ज्यादा थी. अनुमान है कि अब इस मंदिर की कुल संपत्ति साढ़े तीन लाख करोड़ से भी अधिक होगी. तिरुपति मंदिर की चर्चा इस समय जोरों पर है. वजह है मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर को भोग लगने वाला खास प्रसाद (श्रीवारी लड्डू) ‘प्रसादम’ को लेकर बड़ा विवाद हो गया है!
लड्डू के लिए सप्लाई होने वाले घी में बीफ फैट (गाय की चर्बी), फिश ऑयल (मछली का तेल) और एनिमल टैलो के मिलावट का आरोप है. मंदिर में करीब 50 सालों से कर्नाटक मिल्क फेडरेशन तिरुमाला ट्रस्ट (TTD) को लड्डू बनाने के लिए नंदिनी घी की सप्लाई कर रहा था. जगन रेड्डी सरकार में घी का ठेका एआर डेयरी समेत अलग-अलग कंपनियों को दिया गया.
मंदिर का 11 हजार किलो Gold बैंकों है जमाTOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर ट्रस्ट को वर्ष 2023 में दान के रूप में लगभग एक हजार किलोग्राम से ज्यादा सोना मिला है जिसकी कीमत 773 करोड़ रुपये के करीब है. कई राष्ट्रीयकृत बैंकों में में मंदिर ट्रस्ट का करीब 11 हजार किलो से ज्यादा सोना जमा है जिसकी कीमत 8 हजार करोड़ से ज्यादा है.
बैंकों में 18 हजार करोड़ की नकद राशि टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक बैंकों में कुल एफडी 13,287 करोड़ रुपये तक जमा हो गई है. मंदिर निकाय द्वारा संचालित अलग-अलग ट्रस्ट जैसे श्री वेंकटेश्वर नित्य अन्नप्रसादम ट्रस्ट, श्री वेंकटेश्वर प्राणदानम ट्रस्ट समेत दूसरे ट्रस्ट ने 5,529 करोड़ रुपये की धनराशि जमा कर ली है. अप्रैल 2024 तक तिरुपति ट्रस्ट के बैंकों और इसके कई ट्रस्टों में नकद राशि 18,817 करोड़ रुपये तक हो गई .लड्डू के लिए सप्लाई होने वाले घी में बीफ फैट (गाय की चर्बी), फिश ऑयल (मछली का तेल) और एनिमल टैलो के मिलावट का आरोप है. मंदिर में करीब 50 सालों से कर्नाटक मिल्क फेडरेशन तिरुमाला ट्रस्ट (TTD) को लड्डू बनाने के लिए नंदिनी घी की सप्लाई कर रहा था. जगन रेड्डी सरकार में घी का ठेका एआर डेयरी समेत अलग-अलग कंपनियों को दिया गया. जुलाई 2024 में टीडीपी सरकार आई तो जांच के बाद मिली गड़बड़ियों को लेकर वर्तमान कंपनियों का ठेका कैंसिल कर दिया. इसके बाद कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को वापस इसका ठेका दे दिया गया. इधर विवाद के बाद टीडीएस ने दावा किया है कि अब मंदिर का प्रसादम श्रीवारी लड्डू अब पवित्र है. हम इसे आगे भी पवित्र बनाए रखने के लिए प्रतिद्ध हैं.